लक्ष्मी प्रसाद देवकोटा

दील कचौरा यो उचाली खान्छु हिरा मर्न देउ
रित्तो कर को यो भिखारी बर्छ आँसु झर्न देउ

~ महाकवि लक्ष्मी प्रसाद देवकोटा ~
Laxmi Pd Devkota


साभार: नेपाली गजल फेसबुक पेज