के के बनाउछौ सिमा मान्छेहरुलाई
मान्छे बनाउ कम्तिमा मान्छेहरुलाई
याद गर्छु मन्दिर छेउको भट्टी पसल
न एकादशी न पुर्णिमा मान्छेहरुलाई
~ क्षितिज समर्पण ~
Kshitiz Samarpan
Ram Kumar Shahi
राम कुमार शाही